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Showing posts from June, 2015
मोदी की मन की बात========कल फिर मोदी मन की बात कहने के बहाने अपने गले को खोला ,हालत एसी लग रही थी मानो “बिन मोसम की बरसात हो “,जनता जो सुनना चाहती थी वह नहीं था उमीद थी की क्रसन राधा  व् गोपियों के बचाव में आगे आयेगा. लेकिन एसा लग रहा था की कोप भवन  से निकल कर आया हो ,आते ही अमलची की तरह जोर से खंकार की कई बार एसा भी होता है की सामने कोई खंकारा कर देता है तब अम्ल उगता नही है सायद यही हालत थी ,उन्होंने दो बाते उठाई एक रकस्याबंधन एवं किसान .योग तो करवाया लेकिन उसके इतिहास की जानकारी नहीं दी ,यह तथ्य बताया जाता की योग वेद विरोधी  मत है और क्यों सुरु हुआ तब योग के कार्यक्रम की हवा निकाल जाती , rksyaabandhn की बात करे और इतिहास में झांके ,तब पता चलता है की भारत में कोई भी ब्राह्मन और  क्षत्रिय सम्राट नहीं बना ,इतिहास तीन को ही सम्राट मानता है 1चन्द्रगुप्त  मोर्य2अशोक और अकबर अशोक के बाद बराह्मनो और क्षत्रियों ने राखी बाँध  कर जो समझोता किया,उस पर महाभारत में लिखा है “धींगवल्म क्षत्रियबलम ब्रह्म तेजो बलम बलम  बलाबले विनिसिच्त्य तप एवं परम बलम: ;येनबद्दो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबल्:तेन त्वा
दुनिया ====दुनिया अब पहले जेसी सरल नहीं  रही ,हम निर्मम पूजीवादी व्यवस्था में पहुच गए है,जहा हथियारों के सोदागरो एक जमात पैदा हो चुकी है ,जिन्हें हर समय युद्ध चाहि ए.====स्वयम की डायरी से मुद्रा एक भयंकर दानव है ,जो मानवता को कुचलते हुए आगे बढ़ता है ,इसने दो काम एक साथ किये है ,विकास और विनास .पूंजी की तीव्र भूख ने उत्पादन के साधनों में विकास करके ,मानव श्रम के बनिस्पत मशीनी श्रम को पर्मुख बना दिया ,जिससे विसाल बेरोजगारों की फोजे खड़ी  हो गई ,उनके लिए भूख आवास मुख्य समस्या है .पूंजी के मालिको के लिए पूजी की हिफाजत आवश्यक है ,यही जंग जारी है ,जिसमे अन्तोगोत्वा बहु संख्यक जीतेगे व् पूंजी के रखवाले अल्प संख्यक मारे जायेगे ,यह होना आवश्यक है पूंजी का  दलाल मध्यम  वर्ग  दो पाटो के बिच में आकर पिसा जाएगा. .====स्वयम की डायरी से