दुनिया ====दुनिया अब
पहले जेसी सरल नहीं रही ,हम निर्मम
पूजीवादी व्यवस्था में पहुच गए है,जहा हथियारों के सोदागरो एक जमात पैदा हो चुकी
है ,जिन्हें हर समय युद्ध चाहि ए.====स्वयम की डायरी से
मुद्रा एक भयंकर
दानव है ,जो मानवता को कुचलते हुए आगे बढ़ता है ,इसने दो काम एक साथ किये है ,विकास
और विनास .पूंजी की तीव्र भूख ने उत्पादन के साधनों में विकास करके ,मानव श्रम के
बनिस्पत मशीनी श्रम को पर्मुख बना दिया ,जिससे विसाल बेरोजगारों की फोजे खड़ी हो गई ,उनके लिए भूख आवास मुख्य समस्या है
.पूंजी के मालिको के लिए पूजी की हिफाजत आवश्यक है ,यही जंग जारी है ,जिसमे
अन्तोगोत्वा बहु संख्यक जीतेगे व् पूंजी के रखवाले अल्प संख्यक मारे जायेगे ,यह
होना आवश्यक है पूंजी का दलाल मध्यम वर्ग दो
पाटो के बिच में आकर पिसा जाएगा. .====स्वयम की डायरी से
Comments
Post a Comment