माओत्सेतुंग ===”दुश्मन आपकी सराहना कर रहा है ,इसका अर्थ है आपमें एसी कोई कमजोरी है जो दुश्मन को फायदा पहुचा रही है ,दुश्मन आपका विरोध करता है अर्थात आप नीतिगत सही है ,यदि दुश्मन हमला कर रहा है तब मान लेना आप आगे बढ़ रहे है ,हम दुश्मन के आगे चुप है तब इसके दो ही मायने होते है हम दुश्मन के जाल में फस गए है या तो निकलने की युक्ति सोच रहे है अन्यथा आत्म समर्पण की तेयारी कर रहे है “-----------नरेंद्र मोदी का चीन का दोरा ==भारत के बड़े व्यापारिक घरनो के सेठ व् उनके साठपर्तिनिधियो का दल मोदी के साथ चीन गया है मिडिया क्या कहेगा यह वेसी ही बात है जेसे आप ने टीवी खरीदा तो वह क्या प्रोग्राम दिखाएगा यह उसके मालिक पर निर्भर  है वह अपने आप कुछ भी नही दिखाता .दुनिया में दो ही तरह के उद्योग होते है १आधार भूत दुसरे उपभोग सामग्री बनाने वाले

भारत उपभोग सामगिरी बनाने में अत्यंत ही पिछड़ा हुआ है और आधार भूत उद्योग की तो बात ही मत करिए यह सब विदेसियो के लिए ही है ,  उदाहरण स्वरूप उठते ही टूथ पेस्ट कोलगेट इस्टे माल करना पड़ता है नहाने के लिए कोई भी साबुन काम में लो ज्यादाटर हिन्दुस्थान लीवर ltdका इस्तमाल होता है कपड़ा जूता दवाई ,मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक.कोल्ड ड्रिंक  एवं अन्य उपभोग सामग्री विदेसी है ,हां 65 सालो में रेजर भी नहीं बना सके ,फिर देस के पास बचा है प्राक्रतिक संपदा ,इसका दोहन चीन किस तरीके से कर  सकता है इस पर समझोते होगे ये जो सेठ गये है इनको राष्ट्र से कोई मतलब नहीं है =सिर्फ मुनाफ़ा चाहिए .इस मुनाफे की बंधी हुई पती क्या क्या खुल खिलाएगी ,कुछ घंटे और इन्तजार करो ,टाटा पर बंगाल के वामपंथियों ने विस्वास किया था परिणाम आपके सामने है .---लगातार .

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