डिजिटल इंडिया ,क्या
मोदी अर्थ शास्त्र के बुनियादी नियमो को बदल सकता है.=======आज 1-07-2015 को डिजिटल इंडिया की घोसना की ,अर्थ
शास्त्र धरातल से तालुक रखता है नसेड़ी के छोड़े हुए सगुफे की तरह काम नहीं करता ,आज हमारे देस
में उपभोग सामग्री के उत्पादन पर पूर्णतया विदेशों का कब्जा है ,मोदीजी यह चाहते है की विदेसी कम्पनिया बाहर से आयात न कर अपनी
ही शर्तो पर देस में माल बना कर मेगी,कोकाकोला,पेप्सी की तरह लुटे तो अलग बात है
अन्यथा हमारा डिजिटल के उत्पादन में 129वा स्थान है ,आज की ग्लोबल परतियोगिता में
हम कही ठहरते ही नहीं है ,हां हमारे पास कचे माल की कोई कमी नहीं है ,दुसरा
महत्वपूर्ण सवाल यह आताहै की डिजिटल आइटम वितरण में काम आते है जब हमारा सवयम का उत्पादन
ही नहीं है तब वितरण केसा .जहा उपभोगता का सवाल है क्या आप के पास उसकी आमदनी
बढाने की कोई योजना है ,बेरोजगारों को काम की पलानिग की है ,भारत के उपभोगता के
भविष्य निर्माता मोदी ,अम्बानी ,अदानी और बिरला नहीं हो सकते ,अब भी समय है देस को
दुनिया के बड़े मगर मछो के हवाले मत करो और मुंगेरी लाल के तरह दिन में सपने लेना
बंध करो ,अर्थ शास्त्र के बुनियादी नियमो
पर ही चलो और उपभोग सामगरी के आयात पर रोक लगाओ .ganeshberwal.
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होली
होली होली की ढेरो सुभकामनाए मिली ,दोस्तों,रिश्तेदारों और परिचितों ने मुझे भी अपनी खुशी में सामिल किया ,मेरा भी फर्ज बनता है की उनका सुक्रिया अदा करू , भारत को प्रक्रति की एक बहुत बड़ी देंन है की यहाँ पर सारे मोसम होते है मोसम का फसल चक्र और शारीरिक बदलाव से भी सम्बन्ध है सिंध से लेकर बिहार तक यह त्यौहार मनाया जाता है ,संचार के साधनों में परगति नहीं हुई थी उस समय तक इस त्यौहार की खुशी एक महीने तक मनाई जाती थी, ,विशेस तोर पर शेखावाटी जहा में रह्ता हु हर मौसम की राग और वाद्ययंत्र यंत्र भीं है ,जहा तक राग माला का सवाल है रामगढ शेखावाटी में रामगोपाल पोदार की छत्री पर बारह महीनो की रागनिया और वाद्ययंत्र भीती चित्रों में दर्शाए गए जो संगीत में इस इलाके की सम्रधता को दर्शाते है . होली पर गिंदर और चंग का विशेस महत्व है यदि इनके साथ मजीरे और बांसुरी की धुन को मिला दिया जाये तब आदमी अपने आप थिरकने लग जाता है ,ग्रामवासी उच्चे टीले पर आग जलाकर आग की लपटों से हवा के रुख का अनुमान लगाते है, .साथ में अनाज भी लेजाते है तथा खलियान निकालने की पर्था को भी निभाते है ,होलिका दहन के
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