स्वाधीनता दिवस

            15 अगस्त 2016
आज 70वा स्वाधीनता दिवस मनाया जा रहा है .इन वर्षो में क्या खोया और क्या पाया इस का लेखा जोखा लेना चाहिए अन्यथा फूला हुआ गुबारा कितना भी सुन्दर लगता हो ,छेद होने पर एक पिचका हुआ रबर का टुकरा मात्र रह जाता है
    विकास के आंकड़े महज एक कागजी कसरत है 15 अगस्त 1947के सता हस्तांतरणके बाद भारत में आबादी बढ़ी है धनाड्य वर्ग भी बढ़ा है देश में गरीबी भूखमरी ,बेरोजगारी चरम सीमा की तरफ बढ़ रही है देस की राज सता पूर्णतया बहुरास्ट्रीय व् अंतराष्ट्रीय लुटेरों के लिए है भ्रष्टाचार इस व्यवस्था का सुविधा शुल्क है .जनता को बाटने के लिए जातिवाद,धर्म,सम्प्रदाय,साम्प्रदायिकता क्षेत्र्यता उच्च स्तर की तरफ बढ़ रही है ,अपराधी समाज को अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे है भारतीय संस्क्रती का ठेका. मानसिक,आर्थिक व् लंपटो ने ले लिया है.वर्तमान शिक्षा का वास्तविक हालातो से कोई सम्बन्ध ही नहीं है .  न्यायाधीश भृष्ट
 पुजारियों से आशीर्वाद लेते फिर रहे है .जबकि आशीर्वाद एक अस्तित्वहीन शब्द है .

       हम विनाश की तरफ बढ़ रहे है अभी पूजी व् मानव का संघर्ष नहीं हुआ है क्युकी मध्यम वर्ग दीवार बन कर खडा है .आज का विद्यार्थी व् नौजवान बेरोजगारी की आंधी में फसा हुआ है ,उसे बाहर निकलना ही होगा .गणेश बेरवाल .

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